आज का पंचांग दिनांक 03 जून 2022 (Aaj ka Panchang Date 03 June 2022):-चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणपति जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे भगवान गणपति जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
चतुर्थी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्थी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का दमन करना, अर्थवविद्या (जादू-टोना आदि), शस्त्र, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण आदि समस्त कामों को करने में सफलता मिलती हैं।
पंचमी तिथि के स्वामी:-पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके।
पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, उपनयन, विवाह, ग्रहशांति, पौष्टिक कर्म, चर एवं स्थिर समस्त कार्य, मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग रात्रिकाल 19:04 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन भरणी दोपहर 13:29 से प्रातः(कल) 26:41 तक रहेगा।
विशेष:-आज के दिन भरण्यां शुक्रः प्रातः(कल) 29:38 पर प्रवेश करेगा।
विशेष:-आज के दिन उभायां तीसरे चरण में गुरुः रात्रिकाल 23:14 पर प्रवेश करेगा।
विशेष:-आज के दिन मार्गी बुधः दोपहर 13:30 पर होगा।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------03 जून 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------ज्येष्ठ।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------ज्येष्ठ।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5124।
विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1944 शक संवत।
ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।
संवत्सर--------------------------राक्षस ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----चतुर्थी तिथि प्रातः(कल) 26:41:15 तक रहेगी,
उसके बाद पंचमी तिथि प्रातः(कल) 26:41:15 से शुरू होकर प्रातः(कल) 52:51:57 तक रहेगी।
वार-------------शुक्रवार।
नक्षत्र--------पुनर्वसु नक्षत्र रात्रिकाल 19:03:51 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------पुष्य नक्षत्र रात्रिकाल 19:03:51 से शुरू होकर प्रातः(कल) 43:53:48 तक रहेगा।
योग......वृद्धि योग प्रातः(कल) 27:31:28 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........ध्रुव योग प्रातः(कल) 27:31:28 से शुरू होकर प्रातः(कल) 52:17:50 तक रहेगा।
करण.....वणिज करण दोपहर 13:30:04 तक रहेगा,
उसके बाद
करण........विष्टि(भद्रा) करण प्रातः(कल) 26:41:30 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण.......बव करण प्रातः(कल) 26:41:30 से शुरू होकर प्रातः(कल) 39:48:55 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मिथुन राशि में चन्द्रमा दोपहर 12:19:19 तक रहेगा।
उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------कर्क राशि में चन्द्रमा दोपहर 12:19:19 से शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य वृषभ राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............20, ज्येष्ठ।
सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:24:38।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:14:05।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 08:11:45।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 22:41:47।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:49:27।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:10:23।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूसरे चरण को अक्षर के पुनर्वसु नक्षत्र का समय प्रातःकाल 05:34:14 तक रहेगा।
तीसरे चरण हा अक्षर के पुनर्वसु नक्षत्र का समय दोपहर 12:19:19 तक रहेगा।
चौथे चरण ही अक्षर के पुनर्वसु नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:03:51 तक रहेगा।
पहले चरण हु अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:47:42 तक रहेगा।
दूसरे चरण हे अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 32:30:44 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 03 जून 2022 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:52 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:36 से 12:19 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:47 से 17:30 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:08 से 08:52 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:11 से 09:06 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:47 से 13:42 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर का चौघड़िया:-में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग का चौघड़िया:-में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ का चौघड़िया:-में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ का चौघड़िया:-में धंधा करें ।
रोग का चौघड़िया:-में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल का चौघड़िया:-में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत का चौघड़िया:-में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:25 से 07:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:08 से 08:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:52 से 10:36 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:36 से 12:19 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:19 से 14:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 14:03 से 15:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:47 से 17:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-सायंकाल 17:30 से 19:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:14 से 20:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:30 से 21:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:47 से 23:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:03 से 24:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:19 से 25:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:36 से 26:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:52 से 28:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:08 से 29:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-वृषभ लग्न 18°16' गति 48°16' रहेगी।
सूर्य नक्षत्र:-रोहिणी नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पुनर्वसु नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मिथुन राशि में पुनर्वसु नक्षत्र के दूसरे चरण के को अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के झ अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के दूसरे चरण के ई अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण के थ अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र चौथे चरण के ला अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-कुम्भ राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण के अ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
03 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 03 के लिए शुभाशुभ:
शुभ-तारीखें:-हर माह की 3, 12, 21 व 30 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-गुरुवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75, 84 व 93 वें वर्ष ।
शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा।
शुभ-रत्न:-पुखराज।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-विष्णु जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
10 5 12
11 9 7
6 13 8
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3 व 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 7 व 8।