आज का दैनिक पंचांग और शुभ मुहूर्त दिनांक 23 जून 2022(Today's daily Panchang and Shubh Muhurta date 23 June 2022):-दशमी तिथि के स्वामी कालदेवजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे कालदेवजी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।
एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए। जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे। जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:55 से दोपहर 12:51 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन गण्डमूल नक्षत्र रहने से गण्डमूल मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
विशेष:-आज के दिन पंचक नक्षत्र रहने से पंचक मुहूर्त रहेगा, जो इस तरह हैं।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:26 से प्रातःकाल 06:13 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग प्रातःकाल 05:50 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन भरणी प्रातःकाल। 09:13 पर प्रवेश करेगा।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------23 जून 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------ज्येष्ठ।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आषाढ़।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5124।
विक्रम संवत्-------------------2079 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1944 शक संवत।
ऋतु-----------------------------ग्रीष्म ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- उत्तर गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------शुभकृत।
संवत्सर--------------------------राक्षस ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----दशमी तिथि रात्रिकाल 21:40:54 तक रहेगी,
उसके बाद एकादशी तिथि रात्रिकाल 21:40:54 से शुरू होकर प्रातः(कल) 47:11:47 तक रहेगी।
वार-------------गुरुवार।
नक्षत्र--------रेवती नक्षत्र प्रातःकाल 06:13:14 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------अश्विनी नक्षत्र प्रातःकाल 06:13:14 से शुरू होकर प्रातः(कल) 32:02:36 तक रहेगा।
योग......अतिगंड योग प्रातः(कल) 28:50:36 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........सुकर्मा योग प्रातः(कल) 28:50:36 से शुरू होकर प्रातः(कल) 29:11:53 तक रहेगा।
करण.....वणिज करण प्रातःकाल 09:08:02 तक रहेगा,
उसके बाद
करण........विष्टि(भद्रा) करण रात्रिकाल 21:40:54 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण.......बव करण रात्रिकाल 21:40:54 से शुरू होकर प्रातः(कल) 34:22:29 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------मीन राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 06:13:14 तक रहेगा।
उसके बाद चन्द्रमा की राशि-------मेष राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 06:13:14 से शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य मिथुन राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............9, आषाढ़।
सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:25:38।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 19:21:01।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 25:58:18।
चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 14:23:26।
दिनमान का समय:-दोपहर 13:55:23।
रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 10:04:51।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
चतुर्थ चरण ची अक्षर के रेवती नक्षत्र का समय प्रातःकाल 06:13:14 तक रहेगा।
पहले चरण चु अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय दोपहर 12:37:16 तक रहेगा।
दूसरे चरण चे अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:03:35 तक रहेगा।
तीसरे चरण चो अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 25:32:04 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ला अक्षर के अश्विनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 32:02:36 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 23 जून 2022 ईस्वी सन।।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:55 से दोपहर 12:51 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:08 से 15:52 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:26 से 07:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:54 से 10:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:04 से 10:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:38 से 16:34 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गण्डमूल मुहूर्त का समय:-अहोरात्र तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:26 से प्रातःकाल 06:13 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये, उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे, लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे, काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर का चौघड़िया:-में वाहन, मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग का चौघड़िया:-में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ का चौघड़िया:-में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ का चौघड़िया:-में धंधा करें ।
रोग का चौघड़िया:-में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल का चौघड़िया:-में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत का चौघड़िया:-में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:26 से 07:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:10 से 08:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:54 से 10:39 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:39 से 12:23 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:23 से 14:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 14:08 से 15:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 15:52 से 17:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:37 से 19:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:21 से 20:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:37 से 21:52 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:52 से 23:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 23:08 से 24:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:23 से 25:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:39 से 26:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:55 से 28:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:10 से 29:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मिथुन लग्न 7°22' गति 67°22' रहेगी।
सूर्य नक्षत्र:-आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-रेवती नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात, नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मिथुन राशि में आर्द्रा नक्षत्र के पहले चरण के कु अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि मे रेवती नक्षत्र के चौथे चरण के ची अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के चौथे चरण के ची अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के दूसरे चरण के वा अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मीन राशि में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के झ अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-कुम्भ राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण के गु अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के चौथे चरण के लो अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के दूसरे चरण के तू अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
23 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।
शुभ-वार:-बुधवार एवं शुक्रवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-उत्तर।
शुभ-रंग:-हरा।
शुभ-रत्न:-पन्ना।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
9 4 11
10 8 6
5 12 7
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 4, 5 एवं 6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।