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Monday, February 8, 2021

दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 08 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 08 February 2021)

               


दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 08 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 08 February 2021):-द्वादशी तिथि स्वामी के विष्णुजी होने से विष्णुजी को खुश करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए।द्वादशी तिथि में सभी तरह के चर एवं स्थिर काम,दान,शांति एवं पौष्टिक काम,यात्रा एवं अन्नग्रहण के अलावा सभी अन्य काम करना ठीक रहता है।



            दैनिक पंचांग का विवरण



दिनांक-------------------08 फरवरी 2021        

महीना (अमावस्यांत् )---------पौष

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5122

विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1942 शक संवत

ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी

संवत्सर--------------------------शार्वरी 



                            पंचांग                           


तिथि-------द्वादशी तिथि प्रातः(कल)  27:19:08  तक रहेगी।

वार--------------सोमवार

नक्षत्र----------मूल नक्षत्र दोपहर  15:19:50 तक रहेगा।

नक्षत्र------ उसके बाद दोपहर 15:19:50 से पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र शुरू होगा।

योग---------हर्षण योग प्रातःकाल 11:29:30 तक रहेगा।

उसके बाद  प्रातःकाल 11:29:30 से वज्र  योग शुरू होगा

करण---------कौलव करण सायं 16:01:36 तक उसके बाद  में

करण---------तैतिल करण शुरू होकर प्रातः(कल) 27:19:08 तक रहेगा। 

चन्द्रमा की राशि-- धनु राशि का चन्द्रमा रहेगा। 

सूर्य की राशि-----------सूर्य मकर राशि में ही रहेंगे।


सौर प्रविष्टे-------------26,माघ।


सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-


सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:06:13।

सूर्यास्त का समय:-सायं 18:04:45।

चन्द्रोदय का समय:- प्रातः(कल) 29:10:45।

चन्द्रास्त का समय:- दोपहर 14:38:48।

दिनमान का समय:- प्रातःकाल 10:58:31।

रात्रिमान का समय:-दोपहर से 13:00:45।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-



तीसरा चरण भा अक्षर मूल नक्षत्र का समय प्रातः काल 09:32:19 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण भी अक्षर मूल नक्षत्र का समय दोपहर  15:19:50 तक रहेगा।

पहला चरण भू अक्षर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय  रात्रि 21:08:05 तक रहेगा।

दूसरा चरण धा अक्षर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय प्रातः (कल) 26:57:07 तक रहेगा।


आंग्ल मतानुसार 08 फरवरी  2021  ईस्वी सन


                    अशुभ मुहूर्त का समय                


राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:29 से 09:51 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:13 से 12:35 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:58 से 15:20 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:57 से 13:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:09 से 15:53 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।

गंडमूल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:06 से सायं 15:20 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।




                      शुभ मुहूर्त का समय                      


अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:14 से दोपहर 12:57 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



                 दिशाशूल से बचने का उपाय:-             


दिशा शूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चन्दन लगाकर या चन्दन का दान करके या दुध पीकर यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


            

 दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-     


अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:06 से 08:29 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:29 से 09:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:51 से 11:13 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः 11:13 से 12:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ समय रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा। 

चर का चौघड़िया:-दोपहर 13:58 से 15:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:20 से 16:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-सायं 16:42 से 18:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-



चर का चौघड़िया:-सायं 18:05 से 19:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रि 19:42 से 21:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रि 21:20 से 22:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:58 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-मध्यरात्रि 26:13 से 27:50 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रि 27:50 से 29:28 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:28 से 31:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।



सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 25°21' गति 295°21' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :-  धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:- मूल नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के गा अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:- धनु राशि में मूल नक्षत्र के तीजे चरण के भा अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मेष राशि में भरणी नक्षत्र के तीजे चरण के ले अक्षर रहेंगे।

बुध ग्रह:- मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के गा अक्षर आएगा।

गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर आएगा।

शुक्र ग्रह:- मकर में श्रवण नक्षत्र के दुजे चरण के खू अक्षर रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर रहेगा। 



    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


08 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 8 के लिए शुभाशुभ:-


शुभ-तारीखें:-हर माह की 8,17 और 26 तारीख।

शुभ-वार:--शनिवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 8,17,26,35,44,53,62,71,80,89 और 98 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पश्चिम

शुभ-रंग:--काला और नीला।

शुभ-रत्न:-नीलम।

शुभ-धातु:-लोहा।

आराध्य-देव:-शनि देव,हनुमानजी और शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):4,5,6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,7 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।