मनुष्य के हाथ की हथेली में तिल नतीजे (Mole results in the palm of man's hand):-हमारे पुराने जमाने से मनुष्यों की सोच है कि जिस किसी मनुष्य के हाथ में तिल होता है उसके पास में लक्ष्मी जी खूब रहती है, परन्तु हकीकत में इस आम धारणा से अलग है। हमारे ऋषियों-मुनियों अपने ज्ञान-अनुभव से मनुष्य के जीवन में होंने वाली घटनाओं को जानने के बहुत ही सारे उपक्रम किया है, जिससे मनुष्य के स्वभाव, आचरण और चरित्र को जान सके। इन सबको जानने के लिए ऋषियों-मुनियों ने मनुष्य के हाथों का परीक्षण किया और उन्होंने बहुत सारे मनुष्यों के हाथों को देखकर उनके बारे में जानकारी इकट्ठी की और अपने ज्ञान क्षेत्र में उनको सजाया। मनुष्य के शरीर के अंग हाथ के हथेली में स्थित तिलों के आधार पर मनुष्य के बारे में विश्लेषण किया और बताया कि अमुक का स्वभाव ऐसा रहेगा और उसका चरित्र, धन-संपदा आदि इतनी रहेगी। इस शास्त्र को सामुद्रिक शास्त्र के अंर्तगत रखा था। जो कि पुराने जमाने से संजोये हुआ ज्ञान है, जो कि आज के युग में प्रचलन में है। इस ज्ञान से मनुष्य के हाथ की हथेली में स्थित तिलों से मनुष्य के बारे में जानकारी मिलती है।
सफेद रंग का तिल:-मनुष्य की हथेली में यदि सफेद रंग का तिल है तो उन्नति करवाने वाला होता है।
लाल रंग का तिल:-मनुष्य की हथेली में यदि लाल रंग का तिल है तो खून के संचार सम्बन्धित बीमारी का होता है।
पीले रंग का तिल:-मनुष्य की हथेली में यदि पीला रंग का तिल है तो खून के कमी से सम्बंधित बीमारी को देने वाला होता है।
कला रंग का तिल:-मनुष्य की हथेली में यदि काले रंग का तिल है तो सभी तरह के कामों में रुकावट देने वाला होता है।
◆मनुष्य की हथेली में बाधा देने वाला प्रकृति कहा पर बसा हुआ है, इस पर निर्भर करता है।
विभिन्न जगहों पर काले तिल और उनके नतीजे:-निम्नलिखित हैं।
गुरु के क्षेत्र पर।
शनि के क्षेत्र पर।
सूर्य के क्षेत्र पर।
बुध के क्षेत्र पर।
चन्द्र के क्षेत्र पर।
शुक्र के क्षेत्र पर।
मंगल के क्षेत्र पर।
मस्तिष्क रेखा के क्षेत्र पर।
हृदय रेखा के क्षेत्र पर।
जीवन रेखा के क्षेत्र पर।
भाग्य रेखा के क्षेत्र पर।
स्वास्थ्य रेखा के क्षेत्र पर।
मंगल रेखा के क्षेत्र पर।
सूर्य रेखा के क्षेत्र पर।
विवाह रेखा के क्षेत्र पर।
गुरु के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हथेली में जीव या गुरु क्षेत्र पर काला तिल शादी में अड़चन को पैदा करने वाला होता है।
◆मनुष्य को अधिक की चाह पाने वाला बनता है।
◆मनुष्य को अपने ध्येय में जितना सोच था उतना नहीं मिलने में कामयाबी नहीं देने वाले होते है।
◆मनुष्य जितनी मेहनत करता है, उस मेहनत के अनुसार रुपये-पैसों की प्राप्ति नहीं होती है और बिना मतलब के रुपयों-पैसों का नुकसान होता है।
◆मनुष्य को कोई ऐसी अप्रत्याशित हादसा होता है,जो उसने कभी सोचा भी नहीं था।
◆मनुष्य के नेतृत्व करने की क्षमता में कमी और रुकावटे अति है।
शनि के क्षेत्र पर:-मध्यमा अंगुली के नीचे के क्षेत्र को शनि या मन्द का क्षेत्र कहते है।
◆शनि या मन्द के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्यों को अपने प्यार के मामलों में नाकामयाबी मिलती है
◆मनुष्य कोई भी गभीरता के मामलों को गलत अर्थों के रूप में लेता है।
◆मनुष्य अपने जीवन में संभल-संभल कर चलने पर भी परेशानी आती रहती है।
सूर्य के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में मध्यमा अंगुली के पास में अनामिक अंगुली के नीचे के क्षेत्र को सूर्य के क्षेत्र कहते है।
◆मनुष्य के हाथ के सूर्य के क्षेत्र पर काला तिल होने से आंखों के रोग और मनुष्य के मान-सम्मान को ठेस का सूचक होता है।
◆मनुष्य को समाज मे बुराई ज्यादा मिलती है।
◆मनुष्य को नौकरी में किसी भी प्रकरण को लेकर विवाद और मतभेद होता है।
◆मनुष्य पूरे जोश उत्साह और मेहनत के साथ काम करते हुए आगे बढ़ते है, लेकिन अनायास ही मनुष्य को अंतिम समय में नाकामयाबी ही हाथ में आती है।
बुध के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में कनिष्ठा अंगुली के नीचे के क्षेत्र को बुध का क्षेत्र कहते है।
◆बुध के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को अपने व्यापार में नुकसान देंते है।
◆मनुष्य की बुद्धि नकारात्मक कार्यों में लग जाती है।
◆मनुष्य को कोई काम करने में रुचि नहीं रहती है, जिससे वह अलसी बन जाता है।
◆मनुष्य व्यवहार कुशल, कार्य कुशल और चातुर्य होते हुए भी दूसरे मनुष्य आपको हल्का आंकता है।
चन्द्र के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में कनिष्ठा अंगुली के नीचे के क्षेत्र बुध क्षेत्र के थोड़े नीचे के क्षेत्र को चन्द्र क्षेत्र कहते है।
◆चन्द्र के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को अपने प्यार में असफलता मिलती है।
◆मनुष्य को जल से डर लगता है व जल से सम्बंधित बीमारी और जल से आघात का डर बना रहता है।
◆मनुष्य की शादी में परेशानी होते हुए बहुत ही देरी होती है।
◆मनुष्य के मन में बुरे ख्याल आते रहते है।
◆मनुष्य अपने मन में कल्पना की दुनियां में खोया रहता है, जिससे खुद ही कुंठित होता है।
शुक्र के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में अंगुष्ट अंगुली के नीचे के क्षेत्र को शुक्र का क्षेत्र कहते है।
◆शुक्र के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को कोई छिपी हुई बीमारी होती है।
◆मनुष्य को अपनी प्रेमिका से तिरस्कृत होना पड़ता है और औरत से कष्ट मिलता है।
◆मनुष्य के द्वारा किसी भी दूसरे मनुष्य के प्रति सहानुभूति के भाव को दिखाने पर दूसरों के द्वारा उसे स्वार्थ समझते है।
◆मनुष्य कभी-कभी अपनी भावनाओं में बहकर गलत कदम उठा सकते है।
◆मनुष्य को अपनी क्षमता पर खुद को भरोसा नहीं रहता है।
मंगल रेखा के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में कनिष्ठा अंगुली और तर्जनी अंगुली के नीचे के क्षेत्र में दो मंगल के क्षेत्र होते है।
◆मंगल के क्षेत्र में काला तिल होने से मनुष्य को बहुत तेज मिजाज का बनाता है और गुस्सा भी बहुत आएगा।
◆मनुष्य को अपनी कोई भी तरह की बात या वस्तु पर अड़ने वाला बनाता है।
◆मनुष्य को किसी भी तरह से गिरने पर चोट लगती है।
◆मनुष्य को दुर्घटना से सम्बंधित हादसे का शिकार होना पड़ता है।
◆मनुष्य अपने जोश में ऐसा कोई भी काम को कर बैठते है,जिसमें वे सक्षम नहीं होते है।
मस्तिष्क रेखा के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में कनिष्ठा अंगुली और तर्जनी अंगुली के नीचे के क्षेत्र में दो मंगल के क्षेत्र होते है, उन मंगल के क्षेत्र को जोड़ने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा का क्षेत्र होता है।
◆मस्तिष्क रेखा के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को मस्तिष्क से सम्बंधित बीमारी, चोट के लगने से या इससे से सम्बंधित बीमारी देता है।
◆मनुष्य में मस्तिष्क रेखा के क्षेत्र जिस पर्वत के नीचे आता है उससे सम्बन्धित विकार को देते है।
◆बुध अंगुली नीचे व्यापार में बाधा देते है।
◆सूर्य पर्वत के नीचे राज्य से सम्बंधित परेशानी देते है।
◆शनि पर्वत के नीचे होने पर बीमारी देते है।
◆गुरु पर्वत के नीचे होने से मनुष्य को टेंशन देते है।
हृदय रेखा के क्षेत्र पर:-बुध पर्वत,सूर्य पर्वत, शनि पर्वत और गुरु पर्वत के नीचे की ओर हृदय रेखा के क्षेत्र होते है।
◆हृदय रेखा के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को ह्रदय की बीमारी देते है।
◆मनुष्य के हाथ में जिस पर्वत के नीचे हृदय रेखा के क्षेत्र में तिल होते है, उस पर्वत से सम्बंधित विषयों के सम्बंध में दिल को ठेस लगती है।
जीवन रेखा के क्षेत्र पर:-मनुष्य के हाथ में मणिबन्ध रेखा, चन्द्र पर्वत, शुक्र पर्वत से निकल कर मंगल या गुरु पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को जीवन रेखा क्षेत्र कहते है।
◆जीवन रेखा पर काला तिल होने से मनुष्य को लंबी उम्र या निरन्तर कोई न कोई बीमारी देता है, जिसके कारण ◆मनुष्य चिड़चिड़ापन व खीझ बढ़ती है।
भाग्य रेखा के क्षेत्र पर:-भाग्य रेखा के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को भाग्य उन्नति में बाधा व काम के अंतिम समय में विफलता देता है।
◆मनुष्य के लिए यह तिल दुर्भाग्यपूर्ण होता है, जो जीवन में अड़चनें देंते है।
स्वास्थ्य रेखा के क्षेत्र पर:-स्वास्थ्य रेखा के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को लगातार बीमारी और दुःख देने वाला होता है।
मंगल रेखा के क्षेत्र पर:-मंगल रेखा पर काला तिल होने से मनुष्य अपने पक्ष की बात की बात नहीं बता पाते है।
◆मनुष्य को ज्यादा डर लगता है।
◆मनुष्य को झिझक बनी रहती हैं।
सूर्य रेखा के क्षेत्र पर:-सूर्य रेखा के क्षेत्र पर काला तिल होने से मनुष्य को यश नहीं मिल पाता है।
◆मनुष्य को उन्नति में निरन्तर बाधा और असफलता मिलती है।
विवाह रेखा के क्षेत्र पर:-विवाह रेेखा पर तिल होनेे से मनुुष्य की शादी में अड़चनें आती है।
◆मनुष्य की शादी भी हो जाने पर वैवाहिक जीवन में परस्पर वैचारिक मतभेद दर्शाते हैं।
जन्मकुंडली में पाप ग्रह सूर्य, शनि, मंगल, केतु जिस स्थान पर बैठते है। वे भाव जिस अंग का प्रतिनिधित्व करते है उस अंग पर ही तिल होता है, उससे सम्बन्धित अंग का फल मिलता है।