दैनिक पंचांग के हालात को जानें दिनांक 16 फरवरी 2021 में(Know the situation of daily almanac on 16 February 2021):-आज के दिन पंचमी तिथि होने से पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-आराधना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे नाग देवता का हाथ मनुष्य के ऊपर रहे और नाग देवता की कृपा दृष्टि बनी रहे जिससे मनुष्य का जीवन खुशहाली से भरा रहे।
पंचमी तिथि के दिन में करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा,उपनयन,शादी,ग्रहशांति, पौष्टिक काम,चर एवं स्थिर सभी काम और मांगलिक काम आदि करना ठीक रहता है।
आज के दिन माता सरस्वती जी की जयंती का दिन है,जिसे बसंत पंचमी तिथि के रूप जानते है और मनाते है।आज के दिन माता सरस्वती जी को पूजा-अर्चना करके उनको खुश करने से मनुष्य को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक-------------------16 फरवरी 2021 महीना (अमावस्यांत् )---------माघ
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष
कलियुगाब्द्--------------------5122
विक्रम संवत्-------------------2077 विक्रम संवत
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत
शक संवत्----------------------1942 शक संवत
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे
सूर्य का गोल------------------दक्षिण गोले
संवत्सर(उत्तर)------------------प्रमादी
संवत्सर--------------------------शार्वरी
पंचांग
तिथि-------पंचमी तिथि प्रातः(कल) 29:45:36 तक रहेगी।
वार--------------मंगलवार
नक्षत्र----------रेवती नक्षत्र रात्रि 20:55:21 तक रहेगा।
नक्षत्र-------उसके बाद रात्रि 20:55:21 से अश्वनी नक्षत्र शुरू होगा।
योग---------शुभ योग अधोरात्री 25:47:39 तक रहेगा।
करण---------बव करण सायं 16:37:31 तक उसके बाद में
करण--------- बालव करण शुरू होकर प्रातः(कल) 29:45:36 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि--मीन राशि में चन्द्रमा रात्रि 20:55:21 तक रहेगा,
उसके बाद रात्रि 20:55:21 से मेष राशि में चन्द्रमा शुरू होकर पूरे दिन रहेगा।
सूर्य की राशि--------- सूर्य कुंभ राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे------------5,फाल्गुन।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:59:56।
सूर्यास्त का समय:-सायं 18:10:48।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 09:43:21।
चन्द्रास्त का समय:-रात्रि 22:24:38।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:10:51।
रात्रिमान का समय:-दोपहर से 12:48:16।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
दूजा चरण दो अक्षर रेवती नक्षत्र का समय प्रातः काल 07:37:51 तक रहेगा।
तीसरे चरण च अक्षर रेवती नक्षत्र का समय दोपहर 14:15:45 तक रहेगा।
चौथा चरण ची अक्षर रेवती नक्षत्र का समय रात्रि 20:55:21 तक रहेगा।
पहला चरण चु अक्षर अश्वनी नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:36:30 तक रहेगा।
आंग्ल मतानुसार 16 फरवरी 2021 ईस्वी सन
अशुभ मुहूर्त का समय
राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:23 से 16:47 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:48 से 11:12 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से 13:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:14 से 09:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।
दूर मुहूर्त का समय:-रात्रि 23:18 से 24:03 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय है।
गंडमूल का मुहूर्त का समय:-अधोरात्री तक रहेगा। जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से मनुष्य को शुभ कामों को इस पंचक के समय में नहीं करना चाहिए।
पंचक का मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:59 से रात्रि 20:55 तक रहेगा। जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से मनुष्य को शुभ कामों को इस पंचक के समय में नहीं करना चाहिए।
शुभ मुहूर्त का समय
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:58 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
दिशाशूल से बचने का उपाय:-
दिशा शूल:-उत्तर दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो छाछ पीकर या भूमि का दान करके या गुड़ खाकर यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:59 से 08:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:24 से 09:48 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:48 से 11:12 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:12 से 12:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ समय रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 13:59 से 15:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 15:23 से 16:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-सायं 16:47 से 18:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
काल का चौघड़िया:-सायं 18:11 से 19:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-रात्रि 19:47 से 21:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 21:23 से 22:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 22:59 से 24:35 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:35 से 26:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-मध्यरात्रि 26:11 से 27:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:47 से 29:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:23 से 30:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कुंभ लग्न 3°27' गति 303°27' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र :- धनिष्ठा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-रेवती नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण के गे अक्षर में रहेंगे।
चन्द्रमा ग्रह:-मीन राशि में रेवती नक्षत्र के दुजे चरण के दो अक्षर में रहेंगे।
मंगल ग्रह:-मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के पहले चरण के अ अक्षर रहेंगे।
बुध ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर आएगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीजे चरण के खे अक्षर आएगा।
शुक्र ग्रह:-मकर में धनिष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के गा अक्षर रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण के वु अक्षर रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के या अक्षर रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
16 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 7 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 7,16 और 25 तारीख।
शुभ-वार:--बुधवार ।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 7,16,25,34,43,52,61,70,79,88 और 97 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-वायव्य(उत्तर-पश्चिम)
शुभ-रंग:--हल्का रंग।
शुभ-रत्न:-लहसुनिया।
शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।
आराध्य-देव:-भगवान नृसिंह जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ कें केतवे नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
14 9 16
15 13 11
10 17 12
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5,6,7 और 8।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1,2,4 और 9।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):--3।