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Saturday, April 17, 2021

आज का पंचांग दिनांक 17 अप्रैल 2021 (Today's almanac dated 17 April 2021)

              


आज का पंचांग दिनांक 17 अप्रैल 2021 (Today's almanac dated 17 April 2021):-आज के दिन पंचमी तिथि होने से पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके। 

पंचमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-पंचमी तिथि के दिन मनुष्य को यात्रा, उपनयन, विवाह, ग्रह शांति, पौष्टिक कर्म, चर एवं स्थिर समस्त कार्य, मांगलिक कार्य करना आदि कामों को करना ठीक रहता है।

आज के चैत्रीय नवरात्र का पांचवा दिन है, इसलिए पांचवे नवरात्रि में स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करे और अपनी पूजा-अर्चना से स्कंदमाता को खुश करे। चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है, इसलिए इस तिथि को श्री पंचमी या लक्ष्मी पंचमी भी कहते है, जो कि धन-सम्पत्ति को बढ़ाने वाली होने से लक्ष्मीजी की भी इस तिथि में गौरव है। मन को एकचित्त करके अपने ह्रदय में श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना करने से फायदा प्राप्त होता है।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक-------------------17 अप्रैल 2021            महीना (अमावस्यांत् )---------चैत्र

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------चैत्र

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष

कलियुगाब्द्--------------------5123

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत

शक संवत्----------------------1943 शक संवत

ऋतु-----------------------------बसंत ऋतु

सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे

सूर्य का गोल------------------उत्तर गोले

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद

संवत्सर--------------------------प्लव 



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----पंचमी तिथि रात्रिकाल 20:31:47 तक रहेगी,

उसके बाद षष्टमी तिथि रात्रिकाल 20:31:47 शुरू होकर पूरे दिन रहेगी।

वार-------------शनिवार

नक्षत्र---मृगशिरा नक्षत्र प्रातः(कल) 26:33:27 तक रहेगा,

उसके बाद प्रातः(कल) 26:33:27 से आर्द्रा नक्षत्र शुरू होगा।

योग....शोभन योग रात्रिकाल 19:16:20 तक  रहेगा। उसके बाद अतिगण्ड योग शुरू होगा।

करण..बव करण प्रातःकाल 07:20:43 तक रहेगा,उसके बाद 

करण--बालव करण शुरू होकर रात्रिकाल 20:31:47 तक रहेगा।

चन्द्रमा की राशि--वृषभ राशि में चन्द्रमा दोपहर 13:08:05 तक रहेगा,

उसके बाद मिथुन राशि में चन्द्रमा शुरू होकर   रहेगा।

सूर्य की राशि---------मेष राशि में सूर्य रहेगा।

सौर प्रविष्टे............04,वैशाख।


सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 05:54:49।

सूर्यास्त का समय:-सायंकाल 18:46:49।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 09:08:01।

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 23:32:50।

दिनमान का समय:-दोपहर 12:51:59।

रात्रिमान का समय:-प्रातःकाल 11:06:59।



आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-

पहला चरण वे अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 06:23:58 तक रहेगा।

दूसरे चरण वो अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय दोपहर 13:08:05 तक रहेगा।

तीसरे चरण का अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 19:50:58 तक रहेगा।

चौथा चरण की अक्षर मृगशिरा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 26:32:27 तक रहेगा। 



 ।।आंग्ल मतानुसार 17 अप्रैल  2021  ईस्वी सन।।


   ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।               

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:08 से 10:44 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:57 से 15:34 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 05:55 से 07:31 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:38 से 08:29 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



        ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 11:55 से दोपहर 12:47 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।

दिशाशूल:-पूर्व दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल या उड़द का दान करके या अदरक खाकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता हैं। 



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 05:55 से 07:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:31 से 09:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:08 से 10:44 तक रहेगा,जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:44 से 12:21 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

चर का चौघड़िया:-दोपहर 12:21 से 13:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:57 से 15:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 15:34 से 17:10 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-सायंकाल 17:10 से 18:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

       


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


लाभ का चौघड़िया:-सायंकाल 18:47 से 20:10 तक रहेगा जो कि शुभकार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रि 20:10 से 21:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-रात्रि 21:34 से 22:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-रात्रि 22:57 से 24:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:20 से 25:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:44 से 27:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:07 से 28:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:30 से 29:54 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मेष लग्न 3°5' गति 3°5' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र :- अश्विनी  नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-मृगशिरा  नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-मेष राशि मे अश्विनी नक्षत्र के पहले चरण के चु अक्षर में रहेंगे।

चन्द्रमा ग्रह:-वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र के पहले चरण के वे अक्षर में रहेंगे।

मंगल ग्रह:-मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र के तीसरे चरण के का अक्षर में रहेंगे।

बुध ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के पहले चरण के चु अक्षर में रहेगा।

गुरु ग्रह:-कुंभ राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तीजे चरण के गु अक्षर में रहेगा। 

शुक्र-ग्रह:-मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र के तीजे चरण के चो अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के तीसरे चरण के खे अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण के वी अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में ज्येष्ठा नक्षत्र के पहले चरण के नो अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


17 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 08 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 8,17 और 26 तारीख।

शुभ-वार:--शनिवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 8,17,26,35,44,53,62,71,80,89 और 98 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पश्चिम

शुभ-रंग:--काला और नीला।

शुभ-रत्न:-नीलम।

शुभ-धातु:-लोहा।

आराध्य-देव:-शनि देव,हनुमानजी और शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):4,5,6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):--1,2,7 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।