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Friday, October 1, 2021

आज का पंचांग दिनांक 01 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 01 october 2021)

               




आज का पंचांग दिनांक 01 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 01 october 2021):-दशमी तिथि के स्वामी:-दशमी तिथि के स्वामी काल देव जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे काल देव जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे।जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।


एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।


गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातः(कल) 26:57 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।


अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:47 से दोपहर 12:35 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।


विशेष:-आज के दिन दशमी श्राद्ध का दिवस है, जिन मनुष्य के दशमी तिथि के दिन पूर्वजों का स्वर्गवास हुआ है उन मनुष्य को इस तिथि के दिन अपने पूर्वजों का तर्पण करके श्राद कर्म करना चाहिए, जिससे उनके पूर्वजों की आत्मा को सन्तुष्टि मिल सके। उन स्वर्गवासी आत्मा से आशीर्वाद मिल सके।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------01 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------भाद्रपद

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल-----------------उत्तर-दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----दशमी तिथि रात्रिकाल 23:04:04 तक रहेगी, 

उसके बाद एकादशी तिथि रात्रिकाल 23:04:04 से शुरू होगी।

वार-------------शुक्रवार

नक्षत्र--पुष्य नक्षत्र प्रातः(कल) 26:56:32 तक रहेगा उसके बाद

नक्षत्र---आश्लेषा नक्षत्र प्रातः(कल) 26:56:32 से शुरू होगा।

योग....शिव योग रात्रिकाल 18:36:43 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.....सिद्ध योग रात्रिकाल 18:36:43 से शुरू होगा।

करण.....वणिज करण प्रातःकाल 10:41:19 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....विष्टि(भद्रा) करण रात्रिकाल 23:03:04 तक रहेगा।

करण........गर करण रात्रिकाल 22:07:52 तक रहेगा।

करण........बव करण रात्रिकाल 22:07:52 से शुरू होगा।

चन्द्रमा की राशि-------कर्क राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............15, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:15:11।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 18:05:47।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 25:42:20

चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 15:06:52।

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:50:36।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:09:55।


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


पहले चरण हु अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय प्रातःकाल 07:57:26 तक रहेगा।

दूसरे चरण हे अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय दोपहर 14:20:02 तक रहेगा।

तीसरे चरण हो अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय रात्रिकाल 20:39:45 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण ड अक्षर के पुष्य नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 26:56:32 तक रहेगा।




 ।।आंग्ल मतानुसार 01अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:47 से दोपहर 12:35 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



      ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।     

          

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:42 से 12:10 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:08 से 16:37 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:44 से 09:13 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:37 से 09:25 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:34 से 13:22 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।

गण्डमूल मुहूर्त का समय:-प्रातः(कल) 26:57 से अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।

      


   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:15 से 07:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:44 से 09:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:13 से 10:42 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:42 से 12:10 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:10 से 13:39 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:39 से 15:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:08 से 16:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-सायंकाल 16:37 से 18:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 18:06 से 19:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:37 से 21:08 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:08 से 22:40 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:40 से 24:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:11 से 25:42 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:42 से 27:13 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:13 से 28:44 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:44 से 30:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 13°55' गति 163°55' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-पुष्य नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-कर्क राशि में पुष्य नक्षत्र के पहले चरण के हु अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के दूसरे चरण के ष अक्षर में रहेगा।

बुध ग्रह:-तुला राशि में चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण के रा अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।  

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


01 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 01 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ है।

शुभ-वार:-रविवार, सोमवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82 और 91 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पूर्व दिशा।

शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा, नारंगी, ताम्रवर्ण।

शुभ-रत्न:-माणिक्य।

शुभ-धातु:-सोना, ताँबा।

आराध्य-देव:-सूर्य देव व शिव भगवान।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ घृणिः सूर्याय नमः ।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

              6        1       8

              7        5       3

              2        9       4

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3, 9।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 6, 7, 8।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5।