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Thursday, October 7, 2021

आज का पंचांग दिनांक 07 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 07 october 2021)

                   


आज का पंचांग दिनांक 07 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 07 october 2021):-प्रतिपदा तिथि के स्वामी:-प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देव की पूजा-आराधना करनी चाहिए। जिससे अग्नि देव खुश होकर मनुष्य को जीवन में खुशहाली प्रदान करे।

प्रतिपदा तिथि के दिन करने योग्य काम:-प्रतिपदा तिथि के दिन मनुष्य को चित्रकारी, आसव विधि, खेती के काम, शैय्या एवं आसन से सम्बंधित काम, वृक्ष काटना, गृह, पत्थर आदि से सम्बंधित काम करना बढ़िया रहता है। 

द्वितीया तिथि के स्वामी:-द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्माजी को पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनका आशीर्वाद पाना चाहिए, जिससे मनुष्य को अपने जीवन धन-सम्पति मिल सके।

द्वितीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-द्वितीया तिथि के दिन मनुष्य को राजकीय प्रशासनिक काम, विवाह, उपनयन, यात्रा, देवप्रतिष्ठा, आभूषण, गृह, समस्त पौष्टिक एवं शुभ आदि काम करना ठीक रहता है।


विशेष:-आज के दिन चंद्रदर्शनं मातामह श्राद्ध का दिवस हैं।


विशेष:-आज के दिन शारदीय नवरात्रि आश्विन नवरात्रि पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर दुर्गाष्टमी अर्थात् अष्टमी तिथि तक मनाया जाता हैं, नौवे दिन तक नवरात्रि पर्व चलता हैं, इस पर्व में देवी दुर्गाजी के नवरुपों की पूजा-अर्चना नव दिन तक अलग-अलग तरह से की जाती हैं, जिससे माता नवदुर्गा जी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इन नव दिनों में माता भगवती दुर्गा एवं कन्या पूजन का बहुत ही महत्त्व माना जाता है। माता के भक्तों के द्वारा प्रतिपदा तिथि में माता की प्रतिमा की स्थापना एवं घट स्थापना और जौ को बौने से शुरू होता है, इन नव दिनों तक माता प्रत्येक एक दिन का पूजन होता है और अंत में विसर्जन होता हैं, जो मनुष्य इन नौ दिनों तक दुर्गा सप्तमी का पाठ करता है उसका उद्धार हो जाता हैं। जो मनुष्य नव दिन की नवरात्रि में अपना सबकुछ माता दुर्गाजी को समर्पित करके आस्था से पूजन कार्य करता है, उस मनुष्य की मन की समस्त इच्छाओं की पूर्ति माता दुर्गाजी के द्वारा पूर्ण कर दी जाती है। नौ दिन के पूजन के बाद हवन तथा कन्या भोजन का विधान भी करने से उचित फल की प्राप्ति होती हैं।


विशेष:-वर्ष 2021 में शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि दिनांक 06 अक्टूबर 2021 बुधवार को सायंकाल 16 बजकर 34 मिनिट 25 सेकण्ड पर शुरू होकर से प्रतिपदा तिथि दिनांक 07 अक्टूबर 2021 गुरुवार  को दोपहर 13 बजकर 46 मिनिट 08 सेकण्ड तक रहेगी।07 अक्टूबर 2021 गुरुवार से प्रारम्भ हो रहे हैं, 14 अक्टूबर तक चलेगा।15 विजयदशमी पर्व। इसी दिन माता दुर्गाजी का विसर्जन किया जाता हैं।

विशेष:-आज के दिन शरद नवरात्रि घटस्थापना प्रारम्भ होगा।

घट स्थापना का मुहूर्त:- प्रातःकाल 06:बजकर 18 मिनिट से 07 बजकर :46 मिनिट तक का समय शुभ रहेगा।

अभिजीत मुहूर्त का समय :-प्रातःकाल 11 बजकर 45 मिनिट से लेकर दोपहर 12 बजकर 32 मिनिट तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


विशेष:-आज के दिन श्री अग्रसेन जयन्ती हैं।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------07 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----प्रतिपदा तिथि दोपहर 13:46:08 तक रहेगी, 

उसके बाद द्वितीया तिथि दोपहर 13:46:08 से शुरू होगी। 

वार-------------गुरुवार

नक्षत्र--चित्रा नक्षत्र रात्रिकाल 21:11:50 तक रहेगा।

 उसके बाद

नक्षत्र---स्वाति नक्षत्र रात्रिकाल 21:11:50 से शुरू होगा।

योग....ब्रह्म योग प्रातःकाल 08:31:03 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.....वैधृति योग प्रातः(कल) 25:38:14 तक रहेगा।

करण.....बव करण दोपहर 13:46:08 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....बालव करण दोपहर 13:46:08 शुरू होगा,

करण........बालव करण प्रातः(कल) 24:17:42 तक रहेगा होगा।

चन्द्रमा की राशि-------कन्या राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:16:40 तक रहेगा, 

उसके बाद में तुला राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............21, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:18:25।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:58:54।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 06:56:18

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 18:49:46।

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:40:28।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:20:04


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण पो अक्षर के चित्रा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:16:40 तक रहेगा।

तीसरे चरण रा अक्षर के चित्रा नक्षत्र का समय दोपहर 15:44:32 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण री अक्षर के चित्रा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:11:50 तक रहेगा।

पहले चरण रु अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 26:38:42 तक रहेगा।


 ।।आंग्ल मतानुसार 07 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:45 से दोपहर 12:32 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:36 से 15:04 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:18 से 07:46 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:14 से 10:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:12 से 10:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:52 से 15:39 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:18 से 07:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:46 से 09:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:14 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:09 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:09 से 13:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:36 से 15:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 15:04 से 16:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:31 से 17:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:59 से 19:31 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:31 से 21:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:04 से 22:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:36 से 24:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:09 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:42 से 27:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:14 से 28:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ  रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:46 से 30:19 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 19°49' गति 169°49' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण के ण अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ठ अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के पहले चरण के पे अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण के ओ अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


07 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 07 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 7, 16 और 25 तारीख।

शुभ-वार:--बुधवार 

शुभ-वर्ष:-उम्र के 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70, 79, 88 और 97 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-वायव्य(उत्तर-पश्चिम)

शुभ-रंग:--हल्का रंग।

शुभ-रत्न:-लहसुनिया।

शुभ-धातु:-मिश्रित धातु।

आराध्य-देव:-भगवान नृसिंह जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ कें केतवे नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  14      9     16 

                  15     13    11

                  10     17     12

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5, 6,7  और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 4 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।