Breaking

Friday, October 8, 2021

आज का पंचांग दिनांक 08 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 08 october 2021)

                  



आज का पंचांग दिनांक 08 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 08 october 2021):-द्वितीया तिथि के स्वामी:-द्वितीया तिथि के स्वामी ब्रह्माजी को पूजा-अर्चना करके उनको खुश करके उनका आशीर्वाद पाना चाहिए, जिससे मनुष्य को अपने जीवन धन-सम्पति मिल सके।

द्वितीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-द्वितीया तिथि के दिन मनुष्य को राजकीय प्रशासनिक काम, विवाह, उपनयन, यात्रा, देवप्रतिष्ठा, आभूषण, गृह, समस्त पौष्टिक एवं शुभ आदि काम करना ठीक रहता है।

तृतीया तिथि के स्वामी:- तृतीया तिथि के स्वामी पार्वती माताजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए, जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और सांसारिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त हो सके। 

तृतीया तिथि के दिन करने योग्य काम:-तृतीया तिथि के दिन मनुष्य को सीमन्त संस्कार, चौल संस्कार, अन्नप्राशन, उपनयन, गृह प्रवेश, प्रतिष्ठा, संगीत, शिल्पविद्या, समस्त शुभ काम, पशुओं से सम्बंधित काम, जलयान, आभूषण इत्यादि काम करना अच्छा होता है। 


विशेष:-आज के दिन वायुसेना दिवस हैं।

विशेष:-आज के दिन शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन हैं, इसलिए माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए उपवास भी करना चाहिए, जिससे माता की अनुकृपा बन सके और आशीर्वाद प्राप्त हो सके।




         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------08 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।


       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----द्वितीया तिथि प्रातःकाल 10:47:55 तक रहेगी, 

उसके बाद तृतीया तिथि प्रातःकाल 10:47:55 से शुरू होगी। 

वार-------------शुक्रवार

नक्षत्र-------स्वाति नक्षत्र रात्रिकाल 18:58:08 तक रहेगा।

उसके बाद

नक्षत्र-------विशाखा नक्षत्र रात्रिकाल 18:58:08 से शुरू होगा।

योग....विष्कुम्भ योग रात्रिकाल 22:02:00 तक रहेगा, 

उसके बाद में

योग.....प्रीति योग रात्रिकाल 22:02:00 से शुरू होगा।

करण.....कौलव करण प्रातःकाल 10:47:55 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....तैतिल करण रात्रिकाल 21:17:47 तक रहेगा, उसके बाद में

करण........गर करण प्रातः(कल) 31:48:17 तक रहेगा होगा।

चन्द्रमा की राशि-------तुला राशि में चन्द्रमा रहेगा।

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............22, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:18:58।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:57:46।

चन्द्रोदय का समय:-प्रातःकाल 08:03:09

चन्द्रास्त का समय:-रात्रिकाल 19:28:34।

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:38:47।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:21:45


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


दूसरे चरण रे अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:05:17 तक रहेगा।

तीसरे चरण रो अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय दोपहर 13:31:43 तक रहेगा।

चतुर्थ चरण ता अक्षर के स्वाति नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:58:08 तक रहेगा।

पहले चरण ती अक्षर के विशाखा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:24:39 तक रहेगा।

दूसरे चरण तू अक्षर के विशाखा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:51:24 तक रहेगा।



 ।।आंग्ल मतानुसार 08 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:45 से दोपहर 12:32 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 


     ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:41 से 12:08 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:03 से 16:30 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 07:46 से 09:14 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 08:39 से 09:25 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:32 से 13:18 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त हैं।



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो जौ का दान करके या चॉकलेट खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 

 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:19 से 07:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:46 से 09:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:14 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:08 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:08 से 13:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-दोपहर 13:36 से 15:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-दोपहर 15:03 से 16:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-सायंकाल 16:30 से 17:58 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:58 से 19:30 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:30 से 21:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:03 से 22:36 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:36 से 24:09 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:09 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 27:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:14 से 28:47 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:47 से 30:20 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 20°49' गति 170°49' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-हस्त नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-स्वाति नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ठ अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के दूसरे चरण के रे अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ठ अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के पहले चरण के पे अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


    ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


08 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 08 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 8, 17 और 26 तारीख।

शुभ-वार:--शनिवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 8, 17, 26, 35, 44, 53, 62, 71, 80, 89 और 98 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-पश्चिम

शुभ-रंग:--काला और नीला।

शुभ-रत्न:-नीलम।

शुभ-धातु:-लोहा।

आराध्य-देव:-शनि देव, हनुमानजी और शिवजी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ शं शनैश्चराय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):4, 5, 6 और 8।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):--1, 2, 7 और 9।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3।