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Thursday, October 14, 2021

आज का पंचांग दिनांक 14 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 14 october 2021)







आज का पंचांग दिनांक 14 अक्टूबर 2021(Aaj ka panchang date 14 october 2021):-नवमी तिथि के स्वामी:-नवमी तिथि के स्वामी दुर्गा माता जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे माता दुर्गा जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे,जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

नवमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-नवमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने दुश्मन का शमन, अर्थवविद्या (जादू-टोना), अस्त्र-शस्त्र, लौह, अग्नि, बन्धन, उच्चाटन, मारण, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, तीर्थ यात्राएं, मेले आदि के कामों को करना ठीक रहता है।


दशमी तिथि के स्वामी:-दशमी तिथि के स्वामी काल देव जी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे काल देव जी की अनुकृपा मनुष्य पर बनी रहे, जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।

दशमी तिथि के दिन करने योग्य काम:-दशमी तिथि के दिन मनुष्य को अपने मकान की स्थापना, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।

विशेष:-नवरात्रि का आठवें दिन 14 अक्टूबर 2021 को गुरुवार के दिन को दुर्गा माता के नवमें रूप में मां सिद्धिदात्री की पूजा से शुरू होगी।

विशेष:-आज के दिन सरस्वती माता की पूजा के बाद विसर्जनं किया जाता हैं।

दुर्गा नवमी पूजा:-यह त्योंहार आश्विन शुक्ल पक्ष नवमी को आता हैं। इस दिन दुर्गा देवी की पूजा की जाती है। हिंदुओं के प्राचीन शास्त्र के अनुसार दुर्गा देवी नौ रूपों में प्रकट हुई है। महाकाली, महालक्ष्मी, माँ सरस्वती, योगमाया, रक्त दन्तिका, शांकम्भरी, श्री दुर्गा, भ्रामरी देवी, चण्डिका आदि हैं।



         ।।दैनिक पंचांग का विवरण।।


दिनांक------------------14 अक्टूबर 2021।

महीना (अमावस्यांत् )---------आश्विन

महीना (पूर्णिमांंत् )-------------आश्विन।

पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।

कलियुगाब्द्--------------------5123।

विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।

विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।

शक संवत्----------------------1943 शक संवत।

ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।

सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।

सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।

संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।

संवत्सर--------------------------प्लव ।



       ।।आज के पंचांग के हालात को जानें।। 


तिथि----नवमी तिथि रात्रिकाल 18:51:56 तक रहेगी, 

उसके बाद दशमी तिथि रात्रिकाल 18:51:56 शुरू होगी।

वार-------------गुरुवार

नक्षत्र-------उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रातःकाल 09:34:22 तक रहेगा।

उसके बाद

नक्षत्र-------उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रातःकाल 09:34:22 से शुरू होगा।

योग.....धृति योग प्रातः(कल) 25:43:47 तक रहेगा।

करण.....बालव करण प्रातःकाल 07:26:33 तक रहेगा, 

उसके बाद

करण....कौलव करण रात्रिकाल 18:51:56 शुरू होगा, उसके बाद में

करण......तैतिल करण प्रातः(कल) 30:23:36 तक रहेगा होगा।

चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा रहेगा।

चन्द्रमा की राशि-------धनु राशि में चन्द्रमा सायंकाल 16:04:55 तक रहेगा, 

उसके बाद में मकर राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।

सूर्य की राशि-------सूर्य कन्या राशि में रहेगा। 

सौर प्रविष्टे............28, आश्विन।



सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-

सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:22:26।

सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:51:14।

चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 14:24:37

चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 25:04:18। 

दिनमान का समय:-प्रातःकाल 11:28:48।

रात्रिमान का समय:-दोपहर 12:31:47


 

आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-


चतुर्थ चरण जी अक्षर के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 09:34:22 तक रहेगा।

पहले चरण खी अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय दोपहर 15:27:14 तक रहेगा।

दूसरे चरण खू अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय रात्रिकाल 21:21:38 तक रहेगा।

तीसरे चरण खे अक्षर के श्रवण नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 27:17:35 तक रहेगा।



 ।।आंग्ल मतानुसार 14 अक्टूबर 2021  ईस्वी सन।


      ।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।                     

अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:44 से दोपहर 12:30 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है। 



   ।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।


दिशा शूल:-दक्षिण दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो तिल का या गुड़ या गुड़ के चावल खाकर या दही पीकर करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है। 



       ।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।। 

                

राहुकाल मुहूर्त का समय:-दोपहर 13:33 से 14:59 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे। 

यमघण्टा मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 06:22 से 07:49 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

गुलिक मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 09:15 से 10:41 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-प्रातःकाल 10:12 से 10:58 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।

दूर मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:48 से 15:33 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।


 ।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।


नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"

अर्थात-:

चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ:- में धंधा करें ।

रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे  स्नान करें ।

काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।


   दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:- 


शुभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:22 से 07:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:49 से 09:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:15 से 10:41 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:41 से 12:07 तक रहेगा, जो कि शुभ  कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:07 से 13:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 13:33 से 14:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-दोपहर 14:59 से 16:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 16:25 से 17:51 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।


रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-


अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:51 से 19:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:25 से 20:59 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।

रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:59 से 22:33 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

काल का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:33 से 24:07 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

लाभ का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:07 से 25:41 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:41 से 27:15 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:15 से 28:49 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

अमृत का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 28:49 से 30:23 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।

 

।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।


सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-कन्या लग्न 26°45' गति 176°45' रहेगा।

सूर्य नक्षत्र:-चित्रा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।

चन्द्रमा नक्षत्र:-उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।

           

गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-


ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर      


सूर्य ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के दूसरे चरण के पो अक्षर में रहेगा।  

चन्द्रमा ग्रह:मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के चौथे चरण के जी अक्षर में रहेगा।  

मंगल ग्रह:-कन्या राशि में चित्रा नक्षत्र के पहले चरण के पे अक्षर में रहेगा।   

बुध ग्रह:-कन्या राशि में हस्त नक्षत्र के तीसरे चरण के ण अक्षर में रहेगा। 

गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।

शुक्र-ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण के नू अक्षर में रहेगा।

शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के पहले चरण के खी अक्षर में रहेगा।

राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।

केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा। 


  ।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-


 14 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-

शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।

शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।

शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।

शुभ-दिशा:-उत्तर।

शुभ-रंग:--हरा।

शुभ-रत्न:-पन्ना।

शुभ-धातु:-सोना।

आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।

जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।

पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-

                  9      4     11 

                 10      8       6

                  5       12     7

मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1, 4, 5 एवं 6।

शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।

सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।