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Thursday, October 14, 2021

सूर्य-चन्द्रमा की युति का द्वादश भावों में फल( Result of Sun-Moon conjunction in the twelfth house)

                     




सूर्य-चन्द्रमा की युति का द्वादश भावों में फल( Result of Sun-Moon conjunction in the twelfth house):-भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रह की संज्ञा दी गई हैं, सूर्य ग्रह को नवग्रहों में सबसे अधिक महत्त्व एवं ग्रह में प्रथम स्थान मिला है, इसलिए सूर्य ग्रह को राजा की पदवी से सम्मानित किया हैं, सूर्य ग्रह छः ग्रहों को अपने तेज की रोशनी से रोशनी देते हैं, वेद शास्त्रों में सूर्य ग्रह को जगत की आत्मा कहा जाता हैं, ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, जब जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह के बलवान होने से जातक विशेष आत्म प्रभाव होता हैं।

इसी तरह भारतीय ज्योतिष शास्त्र में चन्द्रमा को भी ग्रह में स्थान दिया गया हैं, सोम ग्रह को रवि ग्रह के बाद महत्त्व दिया गया है, इसलिए सोम ग्रह को सूर्य ग्रह की रानी का स्थान मिला हैं। सोम ग्रह अपनी शीतल किरणों से समस्त अन्य ग्रहों को शीतलता की रोशनी प्रदान करते हैं, इसलिए इस जगत में सोम को मन का कारक माना गया है। जब सोम ग्रह बलवान होने पर जातक में चित्त की प्रबलता होती हैं।


रुद्रभट के मतानुसार:- जब आत्मा एवं मन आपस में एक-दूसरे पर निर्भर होते है, जब सोम ग्रह एवं रवि ग्रह इन दोनों ग्रहों में से एक भी बलवान होते है, तब दूसरा ग्रह अपने आप ही बलवान हो जाता है।

वराहमिहिर ने बृहत्संहिता में बताया है कि मन के साथ आत्मा, इन्द्रिय के साथ मन और अपने विषय के साथ इन्द्रिय गमन करता है। मन के लिए कोई स्थान अगम्य नहीं हैं तथा जहाँ मन जाता हैं, वहाँ आत्मा भी जाती हैं।

भट्टोपल के मतानुसार:- आत्मा एवं मन दोनों जुड़े हुए है, जो कि एक-दूसरे पर निर्भर होते है, जिससे लगाव होकर ही अपने कर्म को कर पाते हैं।


सूर्य एवं चन्द्रमा के एक साथ बैठने का अर्थ:-जब जन्मकुंडली के किसी भी घर में रवि ग्रह और सोम ग्रह का सयोंग होता है, जिसमें किसी भी घर में एक साथ बैठ जाते है तब इन दोनों के मेल से बनने वाले योग को सूर्य एवं चन्द्रमा से बनने वाले योग के नाम से जाना जाता है। 

सूर्य एवं चन्द्रमा की दूरी जितनी अधिक होगी उतना ही फायदा होगा, जैसे-जैसे सूर्य ग्रह के नजदीक चन्द्रमा आता रहेगा वैसे-वैसे चन्द्रमा अपने शुभता कम होती जाएगी। इस तरह जब चन्द्रमा एकदम सूर्य ग्रह के पास आकर उसके साथ जन्मकुंडली में किसी भी भाव में बैठ जाता है, तब चन्द्रमा अपनी इच्छानुसार जन्मकुंडली के भाव एवं कारक का स्वामी होकर भी सूर्य के प्रभाव से शुभ फल नहीं दे पाता हैं।


सूर्य एवं चन्द्रमा के एक साथ बैठने का अर्थ:-जब चन्द्रमा की अपनी कलाएँ कम होती हुई अर्थात् चन्द्र बिम्ब धीरे-धीरे कम होकर आखिर में बिम्ब पूरी तरह से खत्म हो जाता है उस बिम्ब पर शीतलता की किरणों का प्रभाव खत्म होकर उस पर सूर्य के बिम्ब का तेजपन का प्रभाव होने लगता है, तब बनने वाले योग को सूर्य व चन्द्रमा से बनने वाला योग कहते हैं।

जब रवि ग्रह के ज्यादा पास में चन्द्रमा ग्रह आ जाते है तब चन्द्रमा ग्रह अस्तं हो जाते है और अपना प्रभाव को खो देते है, लेकिन इस तरह अपना प्रभाव को खो देने के बाद भी चन्द्रमा को कमजोर नहीं मानना चाहिए। 

चन्द्रमा ग्रह के बल को देखने के लिए चन्द्रमा के हालात को षड्बल में देखने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए कि वे कमजोर है या नहीं।

सूर्य एवं चन्द्रमा के एक साथ इकट्ठा बैठने के नतीजे बारह घरों में:-जब रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मिलन एक घर में एक साथ होता हैं, तब उन दोनों के मिलने से मनुष्य के जीवन पर असर पड़ता है, वह इस तरह हैं:

1.पहले घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:- असर शास्त्रकारों ने अलग-अलग बताएं जो इस तरह हैं:

(१.)फलदीपिका:-फलदीपिका के अनुसार पहले घर में रवि ग्रह एवं चन्द्रमा का मिलन एक घर में होता है तब मनुष्य को यांत्रिक मशीनरी से सम्बंधित कार्य करने वाले और शिल्पकार  होते हैं

(२.)सारावली:- सारावली के अनुसार पहले घर में रवि ग्रह एवं चन्द्रमा का मिलन एक घर में होता है तब मनुष्य जातक या जातिका स्त्रियों या पुरुषों के वश में रहने वाला, नम्रता से हीन, कूटनीति को जानने वाला, अत्यधिक धनवान, मद्यादि या शराब आदि बेचने में कुशल और कार्य करने में दक्ष होता हैं।

(३.)वृद्ध्यवन जातक:- वृद्ध्यवन के मतानुसार पहले घर में रवि ग्रह एवं चन्द्रमा का मिलन एक घर में होता है तब मनुष्य  जातक या जातिका विकृत शरीर वाला या वाली, कृतघ्न, गूँगा, दूसरों की स्त्री या पुरुषों में आसक्ति रखने वाला, धन से हीन और सदैव रोगों से पीड़ित रहने वाला होता हैं।


2.दूसरे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब दूसरे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका रुपयों-पैसों के लिए तड़पना पड़ता है एवं दूसरों के आगे हाथ फैलाने वाले, दूसरों के किये हुए उपकार को नहीं मानने वाले, चरित्र उनका खराब रहता है, उनमें किसी भी तरह चमक उनके चेहरे पर नहीं होती हैं, की तरह की बीमारियों से ग्रसित रहते हैं और उनको हमेशा डर सताता रहता हैं।


3.तीसरे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब तीसरे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका या औरत अपने भाइयों तथा आदमी या स्त्री का प्रिय, दूसरों से मेलमिलाप रखते हुए उनसे स्नेह रखने वाले रखने वाले, धर्म में रुचि रखने वाला, शास्त्रों के प्रति उनका झुकाव ज्यादा होता है, शूरवीर, कवि और कीर्तिवान होते हैं।


4.चौथे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब चौथे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका को जीवनकाल में सुखों को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है उनको सुख नहीं मिलने पर बहुत ही निराश हो जाते है, दूसरों से अपने तर्क-वितर्क से परेशानी को झेलने वाले, उनमें किसी भी तरह की चमक नहीं होती है, सत्य से कोसों दूर रहने वाले और स्वच्छता पर ध्यान नहीं देने वाले होते हैं।

 

5.पांचवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब पांचवे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका में किसी तरह का कोई अहम का भाव नही होता है, बुरे खाने के प्रति उनका झुकाव रहता है, उनके पुत्र सन्तान बुरे कार्यों को करने वाली होती हैं, जीवनकाल में उनको बहुत ही संकटो का सामना करना पड़ता है और दिखावटी स्वभाव के होते हैं।



6.छठे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब छठे घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका को जीवनकाल में सुख बहुत ही कम नसीब हो पाता हैं, उनका जीवनकाल गरीबी में बीतता है, उनकी उम्र भी कम होती हैं, अनेक तरह के रोगों से दुःखी रहने वाले, हमेशा किसी भी कार्य को करने की एवं किसी भी बात को जानने की लालसा रहती है और उनके चारों और दुश्मनों से घिरे रहते हैं।



7.सातवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब सातवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका हमेशा व्याकुल रहने वाले, हमेशा उनमें किसी भी कार्य को करने की चाह होती है उस कार्य को पूर्ण उत्साह से करते है तब भी उनके पास में रुपये-पैसों के लिए दूसरों के आगे भीख मांगनी पड़ती है, उनमें अच्छे गुणों का अभाव होता है और अत्यधिक मायावी होते हैं।

 

8.आठवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब आठवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित रहते हैं, उनकी उम्र कम होती हैं उनमें बहुत ही तीव्र बुद्धि के स्वामी, हमेशा खुश रहने वाले, उनमें शर्म नहीं होती है और लड़ाई-झगड़े से डरने वाले होते हैं।


9.नवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब नवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका बिना नम्रता के भाव वाले औरत या आदमी होते है, उनका व्यक्तित्व बहुत उच्च दर्जे का होता है, जिससे उनमें पराक्रम कूट-कूटकर भरा रहता हैं, अच्छे लोगों के चहेते होते है और उनमें सूझ-बूझ बहुत अधिक होती हैं।

वैद्यनाथ के मतानुसार:-वैद्यनाथ के मतानुसार इस तरह के औरत या आदमी बहुत रुपये-पैसों वाले होते है लेकिन उनके आंखों में किसी तरह का विकार होता हैं।



10.दशवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब दशवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका में किसी भी तरह की चतुरता नहीं होती है जिससे दूसरे उनको मूर्ख बनाने में कामयाब हो जाते हैं, उनका मिजाज बुरा होता है, उनकी बुद्धि भष्ट होती हैं, आदमी या औरत विनम्र औरत या आदमी वाला एवं आदमी या औरतों में उनका झुकाव ज्यादा होने से उनके बीच प्रेम की भावना ज्यादा होती हैं।



11.ग्याहरवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब ग्याहरवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका बहुत ही रुपये-पैसों के मालिक होते हैं, समस्त तरह की सवारी का सुख को भोगते हैं, ईश्वर की भक्ति को करने वाले और उनके दूसरों के साथ लगाव होने से मित्रों की संख्या ज्यादा होती हैं।




12.बारहवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह के एक साथ बैठने पर फल:-जब बारहवें घर में रवि ग्रह एवं सोम ग्रह का मेल होता है तब मनुष्य जातक या जातिका को बहुत ही कम सुख की प्राप्ति होती है, जिससे उनमें निराशा की भावना घर कर जाती हैं, उनकी उम्र भी कम होती हैं, गरीबी का जीवन जीना पड़ता हैं, दिखने में भद्दे दिखाई पड़ते हैं और अपने शत्रुओं से उनको मुंह की कहानी पड़ती हैं।


सूर्य एवं चन्द्रमा के एक साथ बैठने पर पड़ने वाले नतीजो को ठीक करने के उपाय:-जब इस तरह की युति होती है, उसके अच्छे एवं बुरे असर होते है, तब बुरे असर को दूर करने के उपाय से सुधार किया जा सकता हैं।

सूर्य ग्रह पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने के उपाय:-को कम करने के लिए सूर्य देव को अर्ध्य देना चाहिए।

◆सूर्य ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं को किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।

◆सूर्य ग्रह के मन्त्रों का जप करवाना चाहिए।

◆सूर्य ग्रह को मजबूत करने के लिए माणिक्य रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वाकर रविवार को धारण करना चाहिए।

चन्द्रमा ग्रह पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने के उपाय:-को कम करने के लिए चन्द्रमा ग्रह के सफेद रंग के वस्त्र को अधिक धारण करने से मन को शांति मिलती हैं। 

◆चन्द्रमा ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं को किसी ब्राह्मण को दान करना चाहिए।

◆चन्द्रमा ग्रह के मन्त्रों का जप करवाना चाहिए।

◆चन्द्रमा ग्रह को मजबूत करने के लिए मोती रत्न को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर सोमवार को धारण करना चाहिए।