आज का पंचांग दिनांक 14 नवम्बर 2021(Aaj ka panchang date 14 November 2021):-एकादशी तिथि के स्वामी:-एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेवाजी की पूजा-अर्चना करके उनको खुश करना चाहिए।जिससे विश्वदेवाजी की कृपा दृष्टि मनुष्य पर बनी रहे।जिससे मनुष्य के जीवन के सभी निर्माण से सम्बंधित कामों में कामयाबी मिल सके और जीवन में धन-धान्य का भंडार भरा रहे, बुरे समय से रक्षा हो सके और सभी तरह के कामों में किसी तरह की बाधा नहीं आवे।
एकादशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-एकादशी तिथि के दिन मनुष्य को आभूषण, शिल्प, नृत्य, चित्रकारी, गृह, सम्बन्धी काम, शादी, यात्रा, उपनयन, शांति और पौष्टिक काम करना उत्तम रहता है।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:44 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग सायंकाल 16:30 से प्रातः(कल) 31:00 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन पंचक रहेगा।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो की अशुभ मुहूर्त हैं।
विशेष:-आज के दिन देवप्रबोधिनी एकादशी व्रतं स्मार्त्त हैं।कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को देवोत्थानी एकादशी भी कहते हैं।मारवाड़ी में इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं।ऐसा कहा जाता हैं कि इस दिन भगवान श्रीविष्णुजी क्षीर सागर में सोए हुए थे, चार माह के बाद जागते थे। श्रीविष्णुजी के शयनकाल के चार मासों में वैवाहिक मांगलिक कार्यों का आयोजन करना निषेध हैं।
देवप्रबोधिनी एकादशी व्रत की विधि:-हरि के जागने के बाद से ही सभी मांगलिक कार्य शुरू किए जाते है।
विशेष:-आज के दिन तुलसी विवाह हैं। कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी विवाह का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन तुलसी जी एवं शालिग्राम जी का विवाह किया जाता हैं। तुलसी के वृक्ष एवं उसके गमलों को विविध प्रकार से सजाया जाता हैं और तुलसी का सुहागिन की तरह श्रृंगार किया जाता हैं, तदुपरान्त शालग्रामजी का पूजन किया जाता हैं और शालग्रामजी को सिंहासन सहित हाथ में लेकर तुलसी की सात परिक्रमा करवायी जाती हैं। अन्त में आरती की जाती हैं। विवाह के मंगल गीत गाए जाते हैं।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------14 नवम्बर 2021।
महीना (अमावस्यांत् )---------कार्तिक।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------कार्तिक।
पक्ष------------------------------शुक्ल पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2077 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शरद ऋतु।
सूर्य का अयण----------------दक्षिणायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----एकादशी तिथि प्रातः(कल) 30:39:03 तक रहेगी।
वार-------------रविवार।
नक्षत्र--------------पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र सांयकाल 16:30:08 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र---------उत्तराभाद्रपद नक्षत्र सांयकाल 1630:08 से शुरू होगा।
योग..हर्षण योग प्रातः(कल) 25:42:13 तक रहेगा।
करण......वणिज करण रात्रिकाल 18:09:14 तक रहेगा,
उसके बाद
करण......विष्टि(भद्रा) करण रात्रिकाल 18:09:14 से शुरू होकर प्रातः(कल) 30:38:03 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------कुम्भ राशि में चन्द्रमा रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------कुम्भ राशि में चन्द्रमा प्रातःकाल 10:10:26 तक रहेगा,
उसके बाद में मीन राशि में चन्द्रमा शुरू होगा।
सूर्य की राशि......तुला राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............29, कार्तिक।
सूर्य का उदय व अस्त,दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 06:44:11।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:26:35।
चन्द्रोदय का समय:-दोपहर 14:54:12।
चन्द्रास्त का समय:-प्रातः(कल) 26:55:48।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:42:24।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:18:23।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
तीसरे चरण दा अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातःकाल 10:10:26 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण दी अक्षर के पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का समय सायंकाल 16:30:08 तक रहेगा।
पहले चरण दू अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय रात्रिकाल 23:51:49 तक रहेगा।
दूसरे चरण थ अक्षर के उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:15:24 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 14 नवम्बर 2021 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-प्रातःकाल 11:44 से दोपहर 12:27 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:06 से 17:27 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:05 से 13:26 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 14:46 से 16:06 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:01 से 16:44 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
पंचक मुहूर्त का समय:-अहोरात्र 24:00 तक रहेगा, जो कि अशुभ मुहूर्त समय है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें ।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें ।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 06:44 से 08:04 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:04 से 09:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:25 से 10:45 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:45 से 12:05 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:05 से 13:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:26 से 14:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 14:46 से 16:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:06 से 17:27 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:27 से 19:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:06 से 20:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:46 से 22:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:26 से 24:06 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:06 से 25:46 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 25:46 से 27:25 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:25 से 29:05 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:05 से 30:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-तुला लग्न 27°43' गति 207°43' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-विशाखा नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-तुला राशि में विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण के ते अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-कुम्भ राशि में पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण के दा अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के तीसरे चरण के रो अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-तुला राशि में स्वाति नक्षत्र के चौथे चरण के ता अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण के गी अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भू अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण के ए अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के दूसरे चरण के नी अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
14 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 05 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 5, 14 और 23 तारीख।
शुभ-वार:--बुधवार एवं शुक्रवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 5, 14, 23, 32, 41, 50, 59, 68, 77, 86 और 95 वें वर्ष।
शुभ-दिशा:-उत्तर।
शुभ-रंग:--हरा।
शुभ-रत्न:-पन्ना।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-महालक्ष्मी जी और गणेश जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बुं बुधाय नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
9 4 11
10 8 6
5 12 7
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):1, 4, 5 एवं 6।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-2 एवं 7।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-3, 8 एवं 9।