आज का पंचांग दिनांक 30 जनवरी 2022(Aaj ka panchang date 30 January 2022):-त्रयोदशी तिथि के स्वामी:-त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी की पूजा-अर्चना करके कामदेव जी को खुश करना चाहिए, जिससे कामदेव जी खुश होकर मनुष्य के दाम्पत्य जीवन में प्रेम की भावना बढ़ सके और मनुष्य के जीवन में चारों ओर प्रेम ही प्रेम रह सके। जिससे उनका आशीर्वाद मिल सके और मनुष्य को अपने दाम्पत्य जीवन सुख-शांति एवं प्यार की प्राप्ति हो सके।
त्रयोदशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-त्रयोदशी तिथि के दिन में मनुष्य को अग्न्याधान, प्रतिष्ठा, विवाह, उपनयन, समस्त मांगलिक काम, यात्रा आदि काम करना ठीक रहता है।
चतुर्दशी तिथि के स्वामी:-चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिवजी की पूजा-अर्चना करके शिवजी जी को खुश करना चाहिए, जिससे शिवजी जी खुश होकर मनुष्य को आशीर्वाद प्रदान करेंगे, मनुष्य के जीवन आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल सके, सभी तरह के काम सिद्ध हो सके।
चतुर्दशी तिथि के दिन करने योग्य काम:-चतुर्दशी तिथि के दिन में मनुष्य को बन्धन, अग्नि, उग्र काम, घात, शल्यकाम, सांग्रामिक काम, शस्त्र-अस्त्र एवं लौह सम्बन्धी कार्य आदि करना अच्छा रहता हैं।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
विशेष:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग प्रातः(कल) 24:22 से प्रातः(कल) 31:27 तक रहेगा।
सर्वाथ सिद्धि योग:-आज के दिन सर्वाथ सिद्धि योग होने से जिन मांगलिक कामों कोई मुहूर्त नहीं मिलने पर सर्वाथ सिद्धि मुहूर्त में मांगलिक और दूसरे सभी काम करने से काम में सफलता मिलती हैं।
विशेष:-आज के दिन मासशिवरात्रि हैं।
Next Read:-महाशिवरात्रि पर्व की कथा(फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी)
विशेष:-आज के दिन श्रीगांधी पुण्य दिवस हैं।
विशेष:-आज के दिन मेरू त्रयोदशी जैन हैं।
विशेष:-आज के दिन भरणी सायंकाल 17:28 से प्रातः(कल) 27:53 में प्रवेश करेगा।
।।दैनिक पंचांग का विवरण।।
दिनांक------------------30 जनवरी 2022।
महीना (अमावस्यांत् )---------पौष।
महीना (पूर्णिमांंत् )-------------माघ।
पक्ष------------------------------कृष्ण पक्ष।
कलियुगाब्द्--------------------5123।
विक्रम संवत्-------------------2078 विक्रम संवत।
विक्रम संवत् (कर्तक्)---------2078 विक्रम संवत।
शक संवत्----------------------1943 शक संवत।
ऋतु-----------------------------शिशिर ऋतु।
सूर्य का अयण----------------उत्तरायणे।
सूर्य का गोल----------------- दक्षिण गोले।
संवत्सर(उत्तर)------------------आनंद।
संवत्सर--------------------------प्लव ।
।।आज के पंचांग के हालात को जानें।।
तिथि----त्रयोदशी तिथि दोपहर 15:28:15 तक रहेगी,
उसके बाद चतुर्दशी तिथि दोपहर 15:28:15 से शुरू होकर प्रातः(कल) 38:17:39 तक रहेगी।
वार-------------रविवार।
नक्षत्र--------पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र प्रातः(कल) 24:21:37 तक रहेगा,
उसके बाद
नक्षत्र----------उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रातः(कल) 24:21:37 से शुरू होगा।
योग......हर्षण योग दोपहर 14:14:14 तक रहेगा,
उसके बाद में
योग.........वज्र योग दोपहर 14:14:14 से शुरू होकर प्रातः(कल) 34:24:19 तक रहेगा।
करण.....वणिज करण सायंकाल 17:28:15 तक रहेगा,
उसके बाद
करण.........विष्टि(भद्रा) करण प्रातः(कल) 27:52:35 तक रहेगा,
उसके बाद में
करण........शकुनी करण प्रातः(कल) 27:52:35 से शुरू होकर प्रातः(कल) 38:17:39 तक रहेगा।
चन्द्रमा की राशि-------धनु राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 29:44:48 तक रहेगा,
उसके बाद
चन्द्रमा की राशि-------मकर राशि में चन्द्रमा प्रातः(कल) 29:44:48 से शुरू होगा।
सूर्य की राशि......सूर्य मकर राशि में रहेगा।
सौर प्रविष्टे............17, माघ।
सूर्य का उदय व अस्त, दिनमान व रात्रिमान और चन्द्रमा के उदय और अस्त का समय:-
सूर्योदय का समय:-प्रातःकाल 07:11:45।
सूर्यास्त का समय:-रात्रिकाल 17:57:19।
चन्द्रोदय का समय:-प्रातः(कल) 30:29:22।
चन्द्रास्त का समय:-दोपहर 15:49:39।
दिनमान का समय:-प्रातःकाल 10:45:33।
रात्रिमान का समय:-दोपहर 13:13:55।
आज जन्में बच्चे के नक्षत्र का चरण और नाम अक्षर:-
पहले चरण भू अक्षर के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय प्रातःकाल 08:11:55 तक रहेगा।
दूसरे चरण धा अक्षर के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय दोपहर 13:35:20 तक रहेगा।
तीसरे चरण फा अक्षर के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय रात्रिकाल 18:58:30 तक रहेगा।
चतुर्थ चरण ढा अक्षर के पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 24:21:37 तक रहेगा।
पहले चरण भे अक्षर के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का समय प्रातः(कल) 29:44:48 तक रहेगा।
।।आंग्ल मतानुसार 30 जनवरी 2022 ईस्वी सन।
।।आज के दिन का शुभ मुहूर्त का समय।।
अभिजीत महूर्त का समय:-दोपहर 12:13 से दोपहर 12:56 तक का समय शुभ होने से जिन कामों को करने में मुहूर्त नहीं मिलने पर अभिजीत मुहूर्त के समय में कामों को करने से कामयाबी मिलती है।
।।आज के दिन के अशुभ मुहूर्त का समय।।
राहुकाल मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:37 से 17:57 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त का समय होने से अच्छे कामों को इस समय में नहीं करे।
यमघण्टा मुहूर्त का समय:-दोपहर 12:35 से 13:55 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
गुलिक मुहूर्त का समय:-दोपहर 15:16 से 16:37 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
दूर मुहूर्त का समय:-सायंकाल 16:31 से 17:14 तक रहेगा जो कि अशुभ मुहूर्त है।
।।आज के दिन दिशाशूल से बचने का उपाय।।
दिशा शूल:-पश्चिम दिशा की ओर रहने से यदि जरूरी हो तो चॉकलेट या दलिया खाकर या घी का पान करके यात्रा करने से दिशाशूल का परिहार हो जाता है।
।।आज के शुभ-अशुभ चौघड़िया को जानें।।
नोट:-दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
◆प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
"चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥"
अर्थात-:
चर:- में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग:- में जमीन सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ:- में औरत श्रृंगार, सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ:- में धंधा करें ।
रोग:- में जब कोई बीमार बीमारी से ठीक होने पर उसे स्नान करें।
काल:- में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत:- में सभी शुभ कार्य करें।
दिन के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातःकाल 07:12 से 08:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 08:32 से 09:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातःकाल 09:53 से 11:14 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-प्रातःकाल 11:14 से 12:35 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-दोपहर 12:35 से 13:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-दोपहर 13:55 से 15:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-दोपहर 15:16 से 16:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-सायंकाल 16:37 से 17:57 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
रात के चौघड़िया के समय से जानें मुहूर्त को:-
शुभ का चौघड़िया:-रात्रिकाल 17:57 से 19:37 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:37 से 21:16 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 21:16 से 22:55 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
रोग का चौघड़िया:-रात्रिकाल 22:55 से 24:34 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
काल का चौघड़िया:-मध्य रात्रि 24:34 से 26:14 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 26:14 से 27:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
उद्वेग का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 27:53 से 29:32 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए अशुभ रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-प्रातः(कल) 29:32 से 31:11 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।
।।सूर्य के उदय के समय के लग्न को जानें।।
सूर्योदयकालीन उदित लग्न:-मकर लग्न 15°58' गति 285°58' रहेगा।
सूर्य नक्षत्र:-श्रवण नक्षत्र में सूर्य रहेंगे।
चन्द्रमा नक्षत्र:-पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में चन्द्रमा रहेंगे।
गोचर राशि में ग्रहों के हालात,नक्षत्रों के चरण और अक्षर :-जो नीचे बताये गए है:-
ग्रह----------राशि----------नक्षत्र के चरण--अक्षर
सूर्य ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के दूसरे चरण के खू अक्षर में रहेगा।
चन्द्रमा ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के पहले चरण के भू अक्षर में रहेगा।
मंगल ग्रह:-धनु राशि में मूल नक्षत्र के तीसरे चरण के भा अक्षर में रहेगा।
बुध ग्रह:-मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के भो अक्षर में रहेगा।
गुरु ग्रह:-कुम्भ राशि में शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण के सा अक्षर में रहेगा।
शुक्र-ग्रह:-धनु राशि में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण के धा अक्षर में रहेगा।
शनि ग्रह:-मकर राशि में श्रवण नक्षत्र के चौथे चरण के खो अक्षर में रहेगा।
राहु ग्रह:-वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र के तीसरे चरण के उ अक्षर में रहेगा।
केतु ग्रह:-वृश्चिक राशि में अनुराधा नक्षत्र के पहले चरण के ना अक्षर में रहेगा।
।।अंक शास्त्र ज्योतिष विज्ञान से जानें हाल:-
30 तारीख को जन्में मनुष्य के लिए मूलांक 03 के लिए शुभाशुभ:-
शुभ-तारीखें:-हर माह की 3, 12, 21 व 30 तारीख शुभ होती है।
शुभ-वार:-गुरुवार।
शुभ-वर्ष:-उम्र के 3, 12, 21, 30, 39, 48, 57, 66, 75, 84 व 93 वें वर्ष ।
शुभ-दिशा:-ईशान कोण की दिशा।
शुभ-रंग:-पिला, सुनहरा।
शुभ-रत्न:-पुखराज।
शुभ-धातु:-सोना।
आराध्य-देव:-विष्णु जी।
जपनीय-मन्त्र:-ऊँ बृं बृहस्पतये नमः।
पूज्य-धारण योग्य यंत्र:-
10 5 12
11 9 7
6 13 8
मित्र-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-1, 2, 3 व 9।
शत्रु-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-5 व 6।
सम-अंक (मालिक ग्रह के अनुसार):-4, 7 व 8।