रक्षाबंधन पर भद्राकाल में ये उपाय करें(Do these measures during Bhadrakal on Rakshabandhan):-
रक्षाबंधन पर भद्राकाल हो तो करें उपाय( If there is Bhadrakal on Rakshabandhan then take measures):-रक्षाबंधन को एक पवित्र व पावन धार्मिक महत्त्व का त्यौहार या पर्व माना जाता हैं। जिसमें मनुष्यों क्या देवता भी इस पावन रक्षासूत्र के त्यौहार के दिन अपनी रक्षा के लिए रक्षासूत्र बंधवाते हैं। प्रत्येक वर्ष को बहिनों के द्वारा अपने भाइयों की लम्बी उम्र के रक्षाबंधन के पर्व का बेसब्री से प्रतीक्षा करती रहती हैं। वे सोचती हैं आज ही रक्षाबंधन का पर्व हो जाएं। क्योंकि इस दिन बहिनों के द्वारा अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए उनकी कलाई पर राखी अर्थात् रक्षासूत्र बांधती हैं और उनके जीवन में सभी तरह की खुशहाली के लिए ईश्वर से अरदास करती हैं। इस पावन दिवस पर भाइयों व बहिनों के मिलने का दिन होता हैं, जिससे उनके प्रति एक-दूसरे के स्नेह और अपनापन के भाव बढ़ते हैं। भाई-बहिन के बीच हृदय से प्रेम की भावना को बढाने ही इस पर्व का मुख्य धुरी होती हैं।
हिन्दुधर्म में कोई भी शुभ कार्यों को किया जाता हैं, तो शुभ मुहूर्त का विशेष कर ध्यान रखा जाता हैं। रक्षाबंधन पर्व को शुभ मुहूर्त में बहिनों या ब्राह्मणों के द्वारा अपने यजमानों के रक्षासूत्र को बांधना चाहिए। अशुभ समय पर राखी बांधने पर अपशकुन हो जाता हैं , इसलिए भाइयों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होवे और जीवन में सभी तरह के सुख प्राप्त होवे और विपरीत परिस्थिति के समय भाई अपनी बहिन की मदद कर सकें और उनकी रक्षा भी कर सकें। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन पर्व को मनाने के लिए दिनांक 11 अगस्त 2022 दिन जो ग्रह हालात रहेंगे और जो शुभ मुहूर्त रहेगा, उसका विश्लेषण इस तरह रहेगा:
विशेष:-यह पंचांग सूचना विवरण नई दिल्ली के अक्षांश 28.636 और देशांतर 77.224 और time zone 5.5 के अनुसार है।
तिथि का समय:-श्रावण मास की शुक्ल पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त 2022 में प्रातःकाल 10:37:54 बजे से प्रारम्भ होगी, जो कि अगले दिन 12 अगस्त 2022 के दिन प्रातः(कल) 7:04:42 तक रहेगी।
वार:-11 अगस्त 2022 को गुरुवार रहेगा।
योग का समय:-11 अगस्त 2022 में आयुष्मान योग दोपहर 15:30:15 तक रहेगा।
उसके बाद सौभाग्य योग का समय:-12 अगस्त 2022 में प्रातः(कल) 11:32:00 तक रहेगा। जो कि शुभ कार्य के लिए विशेष कर शुभ माना जाता है।
नक्षत्र का समय:-11 अगस्त 2022 में श्रवण नक्षत्र प्रातः(कल) 28:06:29 बजे तक रहेगा, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र शुरू होगा।
12 अगस्त 2022 में घनिष्ठा नक्षत्र प्रातः(कल) 25:34:38 बजे तक रहेगा।
चन्द्रमा का समय:-11 अगस्त 2022 में मकर राशि में चन्द्रमा पूरे दिन रहकर 12 अगस्त 2022 को दोपहर 14:48:12 बजे तक रहेगा।
करण का समय:-11 अगस्त 2022 में विष्टि(भद्रा) करण प्रातःकाल 10:37:54 बजे से शुरू होकर रात्रिकाल 20:50:09 तक रहेगी।
उसके बाद बव करण 12 अगस्त 2022 में प्रातः(कल) 07:04:42 बजे तक रहेगा। जो कि शुभ कार्य के लिए विशेष कर अशुभ माना जाती हैं।
राखी बंधन पर्व पर भद्रा काल:-इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त 2022 को मनाया जायेगा। रक्षा बंधन पर भद्रा काल का साया रहने से 11 अगस्त को सूर्योदय के साथ चतुर्दशी तिथि प्रातःकाल 10:37:54 बजे तक रहेगी तथा प्रातःकाल 10:37:54 से पूर्णिमा तिथि आरम्भ हो जायेगी।
पूर्णिमा तिथि के साथ ही विष्टि(भद्रा) प्रातःकाल 10:37:54 बजे से शुरू होकर रात्रिकाल 20:50:09 तक रहेगी। इसलिए इस रक्षाबन्धन पर्व के दिन अशुभ माना जाने वाला भद्रा योग भी बाधक रहेगी।
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ:-11 अगस्त को शाम 17:18: से 18:20 मिनट तक रहेगी।
रक्षाबंधन के दिन भद्रा मुख:-सायंकाल 18:20 मिनट से लेकर रात्रिकाल 8:02 मिनट तक रहेगा।
भद्राकाल का तोड़:-भद्राकाल पूर्णिमा तिथि पर रहने से भद्राकाल में राखी बांधने से पूर्व निम्नलिखित रूप से उपाय करने पर भद्राकाल का तोड़ शास्त्रों के अनुसार हो जाता हैं-
◆सबसे पहले श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि बुधवार के दिन भगवान गणेशजी व कृष्णजी को मौली धागा बांधना चाहिए।
◆उसके बाद में बहिनों को अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से भद्राकाल का असर कम हो जाता हैं। इस तरह प्रक्रिया करते हुए बहिनों के द्वारा अपने भाइयों की लम्बी उम्र की कामना ईश्वर करनी चाहिए।
◆बहिनों के द्वारा अपने भाइयों को राखी बांधते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए राखी बांधना चाहिए-
मन्त्र:-
'येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलाः।
तेन त्वामनुबध्नामी रक्षे मा चल मा चल'
◆यह कार्य 10 अगस्त 2022 के सुबह 5:49:45 से सायंकाल 19:04:30 तक कभी भी कर सकते हैं।
बहिन करेंगी या कार्य तो भाइयों पर नहीं लगेगा भद्रा काल साया:-यदि बहिनों के द्वारा राखी बांधते समय निम्नलिखित प्रक्रिया को अपनाते हुए राखी बांधने पर भद्राकाल के साया का असर नहीं होगा।
◆जब बहिने अपने ज्येष्ठ भाई को राखी बांधे उस समय बहिनों को अपने भाई की मुट्ठी में चावल के दाने के साथ छोटा सा चांदी का टुकड़ा देकर राखी को बांधना चाहिए।
◆जब बहिने अपने कनिष्ठ भाई को राखी बांधे उस समय अपने भाई की मुट्ठी में ग्याहरा सिक्कों के साथ चांदी का टुकड़ा रख कर राखी बांधनी चाहिए।
ऐसा करने के बाद 11 अगस्त को भद्रा में अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हैं तो कोई परेशानी नहीं हैं।
रक्षाबंधन के दिन राखी के धागे का रंग:-रक्षाबंधन के पर्व के दिन में पीले रंग के धागे से और सफेद रंग के धागे से बनी हुई राखी को बहिनों के द्वारा अपने भाइयों की कलाई पर बांधने के लिए काम में लेना बहुत ही मंगलकारी रहता हैं, क्योंकि बृहस्पति देव को पीला रंग प्रिय होता हैं और चन्द्रमा को सफेद रंग के प्रति ज्यादा लगाव रहता हैं। इस तरह बृहस्पति व चन्द्रमा के प्रिय रंग के धागों के रूप में बनी राखी को बांधने से बृहस्पति व चंद्रदेव खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस तरह से राखी बांधने पर भाइयों के पारिश्रमिक लाभ, उम्र में बढ़ोतरी, परिवार के सदस्यों के बीच एक-दूसरे के प्रति प्रेम भावना बढ़ती हैं। भाइयों को किसी भी तरह की व्याधि होने पर उस व्याधि में सुधार होकर उनका स्वास्थ्य 5हिक हो जाता हैं।
रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय मन्त्र को बोलें:-जब भी बहिन अपने भाई के राखी बांधे या फिर किसी भी ब्राह्मण के द्वारा अपने यजमान के रक्षासूत्र बंधवाते समय निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
ये मंत्र बोलते हुए मौली के धागे को सबसे पहले बांधना चाहिए और उसके बाद में जो बहिन के द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार लायी हुई जो भी राखी बांधना चाहती हो, वह बंधवानी चाहिए। इस तरह से इस त्यौहार को हंसी-खुशी के साथ पूरे उत्साह से मनाना चाहिए।
रक्षा बंधन पर राशियों के लिए भाइयों के लिए लेवे मिठाई:-रक्षा बंधन पर राशियों के अनुसार अपने भाइयों को राखी बांधते समय यह उपहार जरुर देवें जिससे उनके ग्रह की शांति बनी रहे और उम्र में बढ़ोतरी, व्यवसाय, व्यापार में दिन-दूनी तरक्की रहे।
1.मेष राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-मेष राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, सफेद मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
2.वृषभ राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-वृषभ राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, कोई भी मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
3.मिथुन राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-मिथुन राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, सिर्फ मावा को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
4.कर्क राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-कर्क राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, कोई भी मिठाई के साथ फल को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
5.सिंह राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-सिंह राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, सफेद मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
6.कन्या राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-कन्या राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, लड्डू को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
7.तुला राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-तुला राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, सफेद मावा के साथ रस युक्त भी मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
8.वृश्चिक राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-वृश्चिक राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, कोई भी मिठाई के साथ तेल युक्त सामग्री को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
9.धनु राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-धनु राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, पीली रंग वाली कोई भी मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
10.मकर राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-मकर राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, रस युक्त मिठाई को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
11.कुंभ राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-कुंभराशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, रस युक्त मिठाई और तेलीय सामग्री को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
12.मीन राशि वाले भाइयों को उपहार स्वरूप वस्तु या मिठाई:-मीन राशि वाले भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर नारियल, गुड़, मावा को उपहार स्वरूप वस्तुएं या मिठाई देनी चाहिए।
बहिन के द्वारा राखी बांध कर दुआएं देते समय बोलें:-बहिन के द्वारा अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके लिए ईश्वर से निम्नलिखित दुआएं के लिए अरदास करना चाहिए-
◆हे ईश्वर! आप मेरे भाई की सोचने-समझने की शक्ति, चारों तरफ ख्याति व प्रशंसा हो, चारो तरफ प्रताप व बल की चमक फैले और आस्था में बहुत बढ़ोतरी होवें।
◆हे ईश्वर! आप मेरे भाई को कांतिमान, शक्तिशाली, बहूत सन्तान उत्पन्न करने वाला और आपकी भक्ति करते हुए इस जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति देकर उनका उद्धार करके मोक्ष गति प्रदान करें।
◆हे ईश्वर! आप मेरे भाई को देह संबंधी, मन संबंधी और रुपयों-पैसों से सम्बंधित प्रभावशाली बनाएं।
रक्षाबंधन के दिन विशेष कर ध्यान देने योग्य बातें:-जो कि इस तरह है:
◆रक्षाबंधन के दिन बहिनों को एवं उसके भाइयों को स्वच्छ व नवीन वस्त्र जो कि काले रंग के नहीं पहनना चाहिए। अधिकतर पीले या हरे या मिश्रित रंग के वस्त्र को पहनना चाहिए।
◆जब दोपहर का समय हो जाता हैं, तब ब्राह्मण वर्ग या जाति के मनुष्यों को श्रावणी के यज्ञोपवीत संस्कार या संस्कार्पूर्वक वेदों का अध्ययन आरम्भ करते हुए पूर्ण करना चाहिए।
ग्रह स्थिति:-11 अगस्त 2022 के दिन पूर्णिमा तिथि के शुरू होने के दिन ग्रह की स्थिति इस प्रकार रहेगी। पूर्णिमा तिथि के दिन 10:37:54 पर कन्या लग्न रहेगा। इस तरह दूसरे भाव में तुला राशि में केतु, पंचम भाव में मकर राशि में शनि व चन्द्रमा की युति, सप्तम भाव में मीन राशि में स्वगृही बृहस्पति, अष्ठम भाव में मेष राशि में राहु, नवम भाव में वृषभ राशि में मंगल , एकादश भाव में कर्क राशि में सूर्य व शुक्र की युति और द्वादश भाव में सिंह राशि में बुध रहेगा।
लग्न के अनुसार समय:-रक्षाबंधन के दिन एवं रात्रिकाल में तीन लग्न ही विशेष कर रहेंगे, जो इस तरह है:
कन्या लग्न का समय:-कन्या लग्न का समय प्रातःकाल 08:53 से प्रातःकाल 11:08 बजे तक रहेगा।
तुला लग्न का समय:-तुला लग्न का समय प्रातःकाल 11:08 से दोपहर 13:26 बजे तक रहेगा।
वृश्चिक लग्न का समय:-वृश्चिक लग्न का समय दोपहर 13:26 से दोपहर 15:43 बजे तक रहेगा।
धनु लग्न का समय:-धनु लग्न का समय दोपहर 15:43 से सायंकाल 17:46 बजे तक रहेगा।
मकर लग्न का समय:-मकर लग्न का समय सायंकाल 17:46 से रात्रिकाल 19:30 बजे तक रहेगा।
कुंभ लग्न का समय:-कुंभ लग्न का समय रात्रिकाल 19:30 से रात्रिकाल 21:00 बजे तक रहेगा।
इस तरह से इन उपर्युक्त लग्नों के समय में राखी बंधवाने का उचित समय रहेगा।
इन सब योगों में राखी बंधवाना भाई-बहिनों के लिए सबसे उत्तम एवं मंगलकारी रहेगा।
11 अगस्त 2022 के दिन देवगुरु बृहस्पति जी स्वगृही होकर सातवें भाव में, शनि व चन्द्रमा की युति पंचम भाव और एकादश भाव में सूर्य व शुक्र की युति रहने से शुभ कार्य में अच्छे योग नहीं कहे जा सकते।
रक्षाबंधन के पर्व के शुभ मुहूर्त एवं समय:-जो इस तरह है:
तिथि का समय:-श्रावण मास की शुक्ल पूर्णिमा 11 अगस्त 2022 में प्रातःकाल 10:37:54 बजे से प्रारम्भ होगी, जो कि अगले दिन 12 अगस्त 2022 के दिन प्रातः(कल) 7:04:42 तक रहेगी। भद्राकाल रहने से भद्राकाल में राखी बांधना शास्त्रों में वर्जित माना गया हैं। लेकिन भद्राकाल रहने पर कोई शुभ मुहूर्त नहीं बनता हैं, तब प्रदोषकाल, अभिजीत, शुभ, लाभ, अमृत आदि के समय में राखी बांधी जा सकती हैं।
इस अशुभ योग बनने के साथ ही शुभ आयुष्मान, सौभाग्य, रवि और शोभन जैसे योगों का भी निर्माण हो रहा हैं, जिसके फलस्वरूप भद्रा का बुरा प्रभाव कम पड़ेगा। इस समय में रक्षाबंधन के पर्व को मनाने के लिए शुभ रहेगा।
शुभ समय चौघड़ियों के अनुसार:-जो कि इस तरह रहेगा:
चर का चौघड़िया:-प्रातःकाल 10:47 से 12:26 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय उत्तम रहेगा।
अभिजित का मुहूर्त समय:-प्रातःकाल 11:59 से 12:53 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय उत्तम रहेगा।
लाभ का चौघड़िया:-दोपहर 12:26 से 14:05 तक रहेगा, जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा। जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय उत्तम रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-दोपहर 14:05 से 15:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय सर्वोत्तम रहेगा।
शुभ का चौघड़िया:-सायंकाल 17:24 से 19:03 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के लिए शुभ रहेगा।जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय श्रेष्ठ रहेगा।
अमृत का चौघड़िया:-रात्रिकाल 19:03 से 20:24 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय अच्छा रहेगा।
चर का चौघड़िया:-रात्रिकाल 20:24 से 21:45 तक रहेगा जो कि शुभ कार्य को करने के शुभ रहेगा।जो कि रक्षाबंधन पर बहिन के द्वारा राखी बांधने के समय अच्छा रहेगा।